आपके मन से जुड़े हैं तन की सेहत के तार : सावधानी बहुत जरुरी
हर दिन हमारे लिए नयी चुनौती लेकर आता है. इन चुनौतियों से लड़ने हमारी क्षमता ही हमारे मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में बताती है. यह जानना आपके लिए जरुरी है कि हमारा शारीरिक स्वास्थ्य हमारे मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है. इसलिए मन स्वस्थ रखें, तो तन भी स्वस्थ रहेगा.
मन चंगा हो तो हर चीज अच्छी लगाती है. मन में चल रहे विचार और उसका स्थायी भाव जितना सकारात्मक होगा, उतना ही मन स्वस्थ रहेगा. मन पर बुरा असर करने वाली चीजें भी आज कम नहीं हैं.
मन पर असर डालती हैं ये बातें
यह सोचते रहना कि दूसरे हमारे बारे में क्या सोचते हैं या वह हमारा मजाक क्यों बनाते हैं.
परिवार में किसी करीबी की या किसी दोस्त की मृत्यु.
किसी अपमानजनक रिश्ते में फंसा महसूस होना या किसी रिश्ते का टूटना.
व्यापार, काम या परीक्षाओं में असफल होना.
बढ़ती जिम्मेदारियों से जूझना.
इन स्थितियों से अगर किसी को बार-बार दो-चार होना पड़े, या समय पर संभलने का मौका न मिले तो व्यक्ति में इनका प्रभाव दिखने लगेगा. वह मानसिक रोगों का शिकार हो जाता है.
ऐसे में आपको निराशा, चिड़चिड़ाहट, बार-बार क्रोध, तनाव, कम या ज्यादा भूख लगना, अनियमित सोच और हर वक्त का आवेश या दयनीयता का अनुभव होता रहेगा. जब ये गभीर रूप ले लेती हैं तो आत्मघाती विचार बनने लगता है और पर्सनालिटी डिसॉर्डर के रूप में सामने आता है.
मानसिक स्वास्थ्य कैसे बेहतर बनाएं
बात करें :- अपने से ज्यादा अनुभवी लोगों से खुल कर बात करें. हिचकिचाएं नहीं. हर चीज का हल खुद ही निकालना कभी-कभी मुश्किल होता है. कह देने से मन हल्का होता है और दिमाग शांत होता है.
अपनी प्रतिक्रियाओं को समझिये :- किसी भी स्थिति में आवेश में आकर कोई फैसला न करें, विवेकपूर्ण विचार करके ही निर्णय करें. खुद पर भरोसा रखिए.
स्वयं की निंदा न करें :- आप जैसे हैं, खुद को वैसे ही अपनाएं, अपने आप की तुलना किसी से न करें. याद रखिए आप एकदम अलग हैं. ऐसा करने से आपका आत्मसम्मान बढ़ेगा.
गलतियों से सीखें :- जो हो गया, उससे आगे बढ़े और अतीत में हुई गलतियों से सिख लें.
एक लक्ष बनाएं :- जब हमारे पास कुछ करने का मकसद होता है तो हम उस तक पहुंचने का रास्ता अपने आप निकाल लेते हैं, उस दौरान अगर कोई नकारात्मक स्थिति या विचार भी आते हैं, तो उनसे लड़ने की शक्ति हमें स्वयं मिल जाती है.
जिम्मेदारी उठाएं :- खुद को बदलने की जिम्मेदारी उठाएं. स्वयं राह ढूंढें.
सकारात्मक कथन कहें :- रोज एक सकारात्मक विचार पढ़ें और स्वयं से सकारात्मक कथन कहें, इससे एक नयी ऊर्जा का संचार होगा.
Sanjay Jangam is a Chief Content Producer with HeloPlus. He covers Technology, Business, entertainment & Personal finance stories.