कानों की सेहत के लिए अपनाये ये टिप्स
ज्यादा शोर-शराबा कानों के लिए हानिकारक हो सकता है. इसलिए शोर-शराबा से जितना दूर रहें, उतना ही अच्छा है. ज्यादा शोरगुल में रहने से आवाज के स्नायु पर बुरा असर पड़ता है, जिससे कानों में घंटियों के बजने की बर्दाश्त न करने वाली टिन्नायट्स की हालत पैदा हो जाती है.
जिन स्त्री-पुरुषों को यह रोग होता है वे लोग खुद को दूसरों के सामने अजीब सा महसूस करते हैं, क्योंकि उनसे कोई कुछ बोलता है तो वे मुश्किल से उनकी बाते सुन पाते हैं. शोर-शराबे के अलावा सर्दी, बुखार, डिफ्थीरिया, खसरा, साइनस के फैलने या दूसरे रोगों के कारण भी सुनने की शक्ति कमजोर हो जाती है.
अगर कानों में घंटी बजने की आवाजें आती हैं तो ये बहरेपन का सबसे पहला लक्षण होता है. अगर कानों में ऐसी कोई आवाज आदि सुनाई दें तो तुरंत ही डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
सफाई भी है जरूरी : जब बालों में शैंपू करें, कानों को भी धो लें ताकि वह पूरी तरह से साफ हो जाएं. कानों में हमेशा बालियां पहनती हैं तो कान के छेदों के आसपास की गंदगी पर भी ध्यान देना चाहिए. हर सप्ताह बालियों को कानों से निकालकर साबुन के पानी के घोल में अच्छी तरह से साफ करें तथा कानों के छिद्रों और उसके आसपास जमा गंदगी साफ करें.
Sanjay Jangam is a Chief Content Producer with HeloPlus. He covers Technology, Business, entertainment & Personal finance stories.